Monday, September 10, 2012

तेरे उतारे हुए दिन

तेरे उतारे हुए दिन
टंगे है लोनं में अब तक
न वोह पुराने हुए है
न उनका रंग उतारा
कहीं से कोई भी सिवान अभी नहीं उधडी


एलैची के बहुत पास रखे पत्थर पर
ज़रा सी जल्दी सरकाया करती है छाओं
ज़रा सा और घना हो गया है वोह पौधा
मैं थोडा थोडा वोह गमला हटाता रहता हूँ
फकीर अब भी वहीँ मेरी कोफ़ी देता है

गिल्हेरियों को बुलाकर खिलाता हूँ बिस्कुट
गिल्हेरियाँ मुझे शक की नज़र से देखती है
वोह तेरे हाथों का मास जानती होंगी

कभी कभी जब उतरती है झील शाम की छत्त से
थकी थकी सी
ज़रा देर लोनं में रुक कर
सफ़ेद और गुलाबी मसुम्बे के पौधों में घुलने लगती है
की जैसे बर्फ का टुकड़ा पिघलता जाये व्हिस्की में

मैं स्कार्फ उन दिन का गले से उतार देता हूँ
तेरे उतारे हुए दिन पहनके अब भी मैं
तेरी महक में कई रोज़ काट देता हूँ

तेरे उतारे हुए दिन
टंगे है लोनं में अब तक
न वोह पुराने हुए है
न उनका रंग उतारा
कहीं से कोई भी सिवान अभी नहीं उधडी

Monday, August 27, 2012

फिर वंही लौट के जाना होगा.. जाने कैसी रिहाई दी है !!
जिसकी आँखों में कटी थी शादियों,  उसने शादियों की जुदाई दी है.. 
दिन गुजरता नहीं है लोगो में.. रात होती नहीं बसर तनहा 
उसी का इमा बदल गया है, कभी जो मेरा खुदा रहा था..
वो उम्र कम कर रहा था मेरी, मै साल अपने बढ़ा रहा था..
देर से गुजते है सन्नाटे.. जैसे हमको पुकारता है कोई..

Tuesday, August 21, 2012

प्यार घड़ी भर का ही बहुत है
झूठा, सच्चा, मत सोचा कर

अपना आप गवाँ कर तूने
पाया है क्या, मत सोचा कर

जिसकी फ़ितरत ही डसना हो
वो तो डसेगा, मत सोचा कर

धूप में तनहा कर जाता
क्यूँ ये साया, मत सोचा कर

मान मेरे शहजाद वरना
पछताएगा, मत सोचा कर
अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख़्वाबों में मिले
बीत गए दिन
प्यार के पल-छीन
सपना बनी ये रातें
भूल गए वो
तू भी भुला दे
प्यार की वो मुलाकातें
सब दूर आंधेरा
मुसाफिर...

कोई भी तेरी
राह ने देखे
नैन बिछाए न कोई
दर्द से तेरे
कोई ना तड़पा
आँख किसी की ना रोई
कहे किसको तू मेरा
मुसाफिर...

कहते हैं ज्ञानी
दुनिया है पानी
पानी पे लिखी लिखाई
है सबकी देखी
है सबकी जानी
हाथ किसी के ना आनी
कुछ तेरा ना मेरा
मुसाफिर...

Monday, August 20, 2012

Sitaro ke jaha me milenge ab yara.. 

Tuesday, August 7, 2012


Yeh jism hai toh kya-
Yeh rooh ka libaas hai.
Yeh dard hai toh kya-
Yeh ishq ki talaash hai.
Fanaa kiya mujhe
Yeh chaahne ki aas ne.
Tarah Tarah shikast hi hua....

Saturday, June 23, 2012


Some time communicating through SMS are phases of life. Archive them, they are refreshing memories.

Brijesh

Sunday, May 27, 2012


लो ये शाम यु गुजर गयी..
चलने लगी है रात भी..
गहरी कहीं सिमट रही ..
आधूरी कोई बात भी..

ब्रिजेश

Monday, April 16, 2012

Everything happens are for good....
just need to learn believing on life!!!

Brijesh


Life is not to blame our self, but to act.

Brijesh 

Friday, April 6, 2012


Unknown which I left behind wasn’t my age.... yet I need to learn life, to live an age!!!

Brijesh

Wednesday, April 4, 2012

In a new city, set of new people
a new beginning , set of new excitation

Alvida Bangalore  .. :)

Tuesday, March 27, 2012

dilli dilli.... 

Thursday, March 15, 2012


ये दिन बरसो के बाद आया... कुछ तुम्हे कुछ हमे याद आया 
कसक फिर ये दिल उठी है, होंठो पे बात आ के रुकी है..... 
कभी इतने मजबूर तो हम नहीं थे ....

अगर तुम ये दिल मांग लेते, जानेमन हम तुम्हे जान देते 
तुम्हे कैसे हम भूल जाते, मर के भी तुम हमे याद आते ...
तुम्हे है पता, बेवफा हम नहीं थे...

Tuesday, February 14, 2012

aaj hum bichde hai to...

kab ki pathar ho chuki thi mau tabir aankhen magar,
chu ke jab dekha to mere haath gile ho gaye... 

Saturday, January 7, 2012

Don't predict things.. it may not be true
Just keep some faith..on your destiny
and your life..God is with you :)
he will never disappoint you..  
every thing happens for good.
So think positive.. and keep smiling :)

Brijesh 

Friday, January 6, 2012

Tere gum ki dulli utha ke jaba pe rakhi hai maine..
Ye katra katra pighal rahi hai.. aur katra katra hi ji raha hoo mai.. 

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You see things; and you say, "Why?" But I dream things that never were; and I say, "Why not?"