Tuesday, March 27, 2012

dilli dilli.... 

Thursday, March 15, 2012


ये दिन बरसो के बाद आया... कुछ तुम्हे कुछ हमे याद आया 
कसक फिर ये दिल उठी है, होंठो पे बात आ के रुकी है..... 
कभी इतने मजबूर तो हम नहीं थे ....

अगर तुम ये दिल मांग लेते, जानेमन हम तुम्हे जान देते 
तुम्हे कैसे हम भूल जाते, मर के भी तुम हमे याद आते ...
तुम्हे है पता, बेवफा हम नहीं थे...

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You see things; and you say, "Why?" But I dream things that never were; and I say, "Why not?"