Monday, August 27, 2012

फिर वंही लौट के जाना होगा.. जाने कैसी रिहाई दी है !!
जिसकी आँखों में कटी थी शादियों,  उसने शादियों की जुदाई दी है.. 
दिन गुजरता नहीं है लोगो में.. रात होती नहीं बसर तनहा 
उसी का इमा बदल गया है, कभी जो मेरा खुदा रहा था..
वो उम्र कम कर रहा था मेरी, मै साल अपने बढ़ा रहा था..
देर से गुजते है सन्नाटे.. जैसे हमको पुकारता है कोई..

Tuesday, August 21, 2012

प्यार घड़ी भर का ही बहुत है
झूठा, सच्चा, मत सोचा कर

अपना आप गवाँ कर तूने
पाया है क्या, मत सोचा कर

जिसकी फ़ितरत ही डसना हो
वो तो डसेगा, मत सोचा कर

धूप में तनहा कर जाता
क्यूँ ये साया, मत सोचा कर

मान मेरे शहजाद वरना
पछताएगा, मत सोचा कर
अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख़्वाबों में मिले
बीत गए दिन
प्यार के पल-छीन
सपना बनी ये रातें
भूल गए वो
तू भी भुला दे
प्यार की वो मुलाकातें
सब दूर आंधेरा
मुसाफिर...

कोई भी तेरी
राह ने देखे
नैन बिछाए न कोई
दर्द से तेरे
कोई ना तड़पा
आँख किसी की ना रोई
कहे किसको तू मेरा
मुसाफिर...

कहते हैं ज्ञानी
दुनिया है पानी
पानी पे लिखी लिखाई
है सबकी देखी
है सबकी जानी
हाथ किसी के ना आनी
कुछ तेरा ना मेरा
मुसाफिर...

Monday, August 20, 2012

Sitaro ke jaha me milenge ab yara.. 

Tuesday, August 7, 2012


Yeh jism hai toh kya-
Yeh rooh ka libaas hai.
Yeh dard hai toh kya-
Yeh ishq ki talaash hai.
Fanaa kiya mujhe
Yeh chaahne ki aas ne.
Tarah Tarah shikast hi hua....

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You see things; and you say, "Why?" But I dream things that never were; and I say, "Why not?"