Friday, December 30, 2011

अभी अधूरी ये दास्ता थी, अभी तम्मना भी बेजुबा थी ..
ये प्यास दिल की बुझी कंहा थी I
चंद पल के हमसफ़र कुछ और साथ चलते..
दो कदम ही सही, कुछ और साथ चलते..

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You see things; and you say, "Why?" But I dream things that never were; and I say, "Why not?"