Wednesday, November 30, 2011

उन्हें ये जिद थी की हम बुलाते,
हमें ये उम्मीद की वो पुकारे..
है नाम होठो पे फिर भी लेकिन, 
आवाज़ में पड गयी दरारे.. 

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You see things; and you say, "Why?" But I dream things that never were; and I say, "Why not?"