Thursday, September 2, 2010

बारिश

बारिश होती है जब, तो
इन गारे पत्थर की दीवारों पर
भीगे भीगे नक़्शे बनने लगते हैं!
हिचकी-हिचकी बारिश तब...
पहचानी सी इक कहानी लिखती है.
बारिश कुछ कह जाती है...
ऐसे ही अश्क़ों से भीगा एक खत
शायद, तुमने पहले देखा हो? 
Gulzar

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You see things; and you say, "Why?" But I dream things that never were; and I say, "Why not?"